क्या होती है बरसात ?
कैसी होती है ?
ये सवाल आज भी
मेरे लिए सवाल है……
सुना है इसकी बूंदें
जब तन को छूती है तो
एक सिहरन सी महसूस होती है
जैसे किसी ने हौले से प्यार
भरा स्पर्श किया हो.......
बाँहें फ़ैलाये जब
इसमे भिंगो तो
ऐसा लगता है जैसे
किसी ने प्यार से
बाँहों मे भर लिया हो......
जब लटों से
हवाएँ अठखेलियाँ करती हैं
तो लगता है जैसे
किसी ने गिले बालों को
अपनी उँगलियों से
सहलाया हो.......
पर ये सब मैं
महसूस नही कर पाती क्यूंकि
आज भी ऐसी प्यार भरी
बरसात का मैं बस इंतज़ार
ही कर रही हूँ ...........
"बादल बरसे
प्यार फिर भी तरसे
गीला वन-उपवन
पर सुखा है तन -मन "
रेवा
Beautiful and romantic
ReplyDeleteAparnaji welcome to my blog....thanx for nice comment
Deleteप्यार भरी ऐसी बरसात जल्दी ही आपको सर से पाँव तक सराबोर कर दे यही दुआ है ! बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteबहुत हि सुंदर रचना , रेवा जी धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 23 . 9 . 2014 दिन मंगलवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
Shukriya ashish ji
Deleteखुबसूरत अभिवयक्ति......
ReplyDeleteबहुत संज़ीदगी से लिखी रचना ...सच है मन का आँगन जब तक न भीगे तो कैसा सावन ..
ReplyDeleteBahut sunder abhivyakti !!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत बहुत भावपूर्ण शायराना रचना
ReplyDeleteस्वयं शून्य
aap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeletelaajawaab hai waah jee waah
ReplyDeleteलाज़वाब भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDelete