काम कर रही थी सानु माँ के साथ.......कई महीनों से चल रही थी तैयारी सानु की शादी की ...अब तो वो दिन बिलकुल करीब आ गया था , सानु बहुत खुश थी ,क्युकी लड़का उसे बहुत पसंद था ,जैसे जीवन साथी की उसने कामना की थी संजय बिलकुल वैसा ही था।
माँ भी बहुत खुश थी , माँ का सबसे बड़ा अरमान होता है बेटी को दुल्हन के जोड़े में देखना , और वो सपना अब पूरा होने वाला था।
अब शादी को बस चार ही दिन बचे थे , माँ ने सानु को बोला " सानु नए सामानों के साथ तेरे पहले के सामान भी पैक कर ले" , पता नहीं कब क्या काम आ जाये , तेरे इतने गहने और कास्मेटिक हैं सब रख ले,और हाँ अपनी फवौरिटे परफ्यूम भी ,वार्ना फिर लड़ेगी शिखा से ,माँ का इतना कहना था बस सानु की आँखों से अचानक आँसू बहने लगे…… माँ सकपका गयी और सानु को पुचकारते हुए पूछने लगी।
सानु ने कहा " माँ सारे सामान मैं पैक कर लुंगी , पर कैसे पैक करू बचपन ,पापा का लाड़ ,भैया का दुलार ,शिखा की छेड़खानी ,इस घर से जुड़ी तमाम यादों की पैकिंग कैसे करूँ माँ ??
रेवा
माँ भी बहुत खुश थी , माँ का सबसे बड़ा अरमान होता है बेटी को दुल्हन के जोड़े में देखना , और वो सपना अब पूरा होने वाला था।
अब शादी को बस चार ही दिन बचे थे , माँ ने सानु को बोला " सानु नए सामानों के साथ तेरे पहले के सामान भी पैक कर ले" , पता नहीं कब क्या काम आ जाये , तेरे इतने गहने और कास्मेटिक हैं सब रख ले,और हाँ अपनी फवौरिटे परफ्यूम भी ,वार्ना फिर लड़ेगी शिखा से ,माँ का इतना कहना था बस सानु की आँखों से अचानक आँसू बहने लगे…… माँ सकपका गयी और सानु को पुचकारते हुए पूछने लगी।
सानु ने कहा " माँ सारे सामान मैं पैक कर लुंगी , पर कैसे पैक करू बचपन ,पापा का लाड़ ,भैया का दुलार ,शिखा की छेड़खानी ,इस घर से जुड़ी तमाम यादों की पैकिंग कैसे करूँ माँ ??
रेवा
भावुक कर देने वाली प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteshukriya Sadhna ji
Deleteस्पष्ट रूप से ! माहौल शायद बदलेगा
ReplyDeletejarur yogi ji
Deleteबहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteshukriya Vaanbhatt ji
Deleteइस सवाल का जवाब शायद ही कभी मिलें
ReplyDeleteHi, Nice site I enjoyed reading it. Thanks for sharing. Would it be possible if I contact you through your email? Please email me back. Thanks!
ReplyDeleteAaron Grey
aarongrey112 at gmail.com