प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Wednesday, February 4, 2015
सिंदूरी शाम
सिंदूरी शाम
धुंध मे छिपा चाँद ,
मधम संगीत
हौले हौले
चलती ये पुरवाई ,
ऐसे मौसम में
उफ्फ तेरी रुस्वाई,
पर मेरा प्यार
जो जोड़ देगा
दिल के हर तार ……
वाह ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteShukriya sadhna ji
Deleteवाह क्या खूब लिखा है ... बहुत ही सुंदर प्रस्तुती ... धन्यवाद..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.
shukriya navjyoti ji
Deleteबहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : ओऽम नमः सिद्धम
Shukriya rajeev ji
Deleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteखूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteमनमोहक शब्द रचना ।।
ReplyDeleteDhanyavad kamlesh ji
Deleteshukriya sawan ji
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteथोड़े शब्दों में बहुत ही बड़ी कह देती आप रेवा दी ... बहुत अच्छी लगी यह नज़्म
ReplyDeleteDhanyavad sanjay
Deleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteप्रेम के एहसास को छूते हुए शब्द ...
ReplyDeleteकल 12/फरवरी /2015 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
Shukriya yashwant bhai
DeleteWaaaah kya baaat
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