आज ऐसे ही
मैं पुराने
मेल चेक कर रही थी
उसमे मेरे एक भाई का
मेल पढ़ा ,
वो भाई जिसे
मैंने कभी देखा नहीं
जिसकी आवाज़
कभी सुनी नहीं ,
जिससे मेरा खून
का रिश्ता भी नहीं ,
बस इस नेट की
दुनिया मे रिश्ता
जुड़ गया .......
मेरी कविताओं मे
उसने मेरी उदासी
पढ़ ली थी ,
उसके मेल मे
खुश रहने की
प्यार भरी मनुहार थी
और एक प्यार भरा
पंजाबी गीत.........
जिसके बोल थे
तू खुश रहे तो
मैं अपनी किस्मत भी
तुझ पर न्योछावर कर दूँ ......
जिसे सुन कर
मेरी आंखें भर आयी ,
आज जहाँ खून के रिश्ते भी
अपने मायने खोने लगे हैं
वहां कुछ ऐसे रिश्ते भी होते हैं........
मेरा सलाम ऐसे लोगों को
और उनके प्यार भरे
रिश्ते को !!!
रेवा
सच कहाँ आपने .................. कुछ रिस्ते खून के नहीं होते फिऱ अपनों से जादा अपने होते हैं
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
savan ji dhanyavad
Deleteबेहद सुंदर
ReplyDeleteshukriya kamlesh ji
Deleteshukriya blog bulletin ka
ReplyDeleteसुंदर भाव-अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteshukriya rakesh ji
Deleteमेरी कविताओ में उसने मेरी उदासी पढ़ ली
ReplyDeleteवाह जवाब नहीं इस पंक्ति का लाजवाब
आपकी मेल कविता मेरी all time favourite रहेगी :))
bahut bahut shukriya sanjay
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteshukriya suman ji
ReplyDeleteऐसा भाई पाकर कौन नही होगा खुश। सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteshukriya asha ji
Deleteसच कहा
ReplyDeleteshukriya onkar ji
Deleteshukriya digvijay ji
ReplyDeleteऐसे प्यार भरे रिश्ते शायद ढूँढने पर भी न मिले...और ऐसी कवयित्री भी जो इतने सुन्दर ढंग से सहजता से इस पन्ने पर उकेर दिया..
ReplyDeletebahut bahut shukriya prabhat bhai
Delete