वो लम्हा वो पल
कुछ उसमें मैं रह गयी हूँ
कुछ वो मुझ में समा गया है
कुछ वो मुझ में समा गया है
उस पल को जितना
जीती हूँ वो मुझे
उतनी ही ऊर्जा से
भर देता है
जीती हूँ वो मुझे
उतनी ही ऊर्जा से
भर देता है
चाहे वो पल क्षणिक ही था
पर धीरे धीरे दिल की
तहों में घुल कर
जीने का बहाना बन
गया है
तहों में घुल कर
जीने का बहाना बन
गया है
मैं जानती हूँ
जीवन में अब कभी
वो पल दोबारा नहीं आएगा
मैं चाहती भी नहीं
जीवन में अब कभी
वो पल दोबारा नहीं आएगा
मैं चाहती भी नहीं
क्योंकि मैं उस लम्हे से
मिले एहसास को उसके
मिले एहसास को उसके
संपूर्ण प्रगाड़ता के साथ
अपने जीवन की
बहुत प्यारी याद
बना कर रखना
चाहती हूँ
बहुत प्यारी याद
बना कर रखना
चाहती हूँ
और जब जी चाहे
उस लम्हे को
यादों के रेशमी धागों
से निकाल कर जीना
चाहती हूँ !!!!!
#रेवा
#एहसास
#एहसास
शुक्रिया
ReplyDeleteनये साल कि ढेर सारी शुभकामनाऐ
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
शुक्रिया
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया
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