पलकों का बंद होना
सपनों का दस्तक देना ,
सपनों के आते ही
तेरा नज़दीक आना ,
चाँद की मधिम
रौशनी के साथ ,
हाँथो मे डाले हाँथ
दूर बहुत दूर
निकल जाना ,
तेरे कंधे पर
सर टिकाना ,
तेरा हौले से
मुझे स्पर्श करना ,
तेरी खुशबू से
मेरा मदहोश हो जाना ,
नजरों का मिलना
धडकनों का तेज़ हो जाना ,
ऐसे खो जाना
एक दूजे मे
जैसे सागर मे लहरें
चाँद मे चांदनी ......
आह ! जब स्वप्न
इतना सुहाना है तो
हकीक़त कैसा होगा .................
रेवा
सुन्दर सपने जैसी रचना ..
ReplyDeleteहकीकत उससे कहीं बेहतर होगी....
ReplyDeleteदुनाली पर देखें
चलने की ख्वाहिश...
sapno ki duniya bhi ajeeb hai
ReplyDeletebas isi duniya me to tu kareeb hai
बहुत सुन्दर सपने जैसी रचना| धन्यवाद|
ReplyDeleteसुन्दर स्वप्न आपका साकार भी हो !
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeletesangeeta ji jaroor....apka bahut bahut shukriya mujhe shamil karne kay liye
ReplyDeleteRewa congratulations !
ReplyDeleteMan-mandir mey puja kar kavita likhti ho kya ?
Bahut hi sundar bhavnatmak prastuti hey .....
Khush raho mini .
Dadu !
heyy dadu...thank u so much...aap aate ho yahan tho mujhe bahut khushi hoti hai
ReplyDeletebhut khub diii
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