जब शब्द न मिले
एहसास कहीं खो जाये
हर चीज़ धुँधली हो जाये
हर ओर निराशा नज़र आये ,
दिल कुछ और बोले
दिमाग कुछ और राह दिखाए ,
तो रचनाकार रचना कैसे करे ?
और अगर रचना न करे
तो जीये कैसे ?
रचनाकार की तो ज़िन्दगी ही होती है न
उसकी रचना ..........
रेवा
एहसास कहीं खो जाये
हर चीज़ धुँधली हो जाये
हर ओर निराशा नज़र आये ,
दिल कुछ और बोले
दिमाग कुछ और राह दिखाए ,
तो रचनाकार रचना कैसे करे ?
और अगर रचना न करे
तो जीये कैसे ?
रचनाकार की तो ज़िन्दगी ही होती है न
उसकी रचना ..........
रेवा
बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही भावनामई रचना शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
ReplyDeletehttp://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
हां रचनाकार की ज़िंदगी रचना तो होती है
ReplyDeleteएक रचनाकार की मनोदशा का बहुत सुन्दर चित्रण किया है आपने !!
ReplyDeleteमन की भावनाओ को उकेती रचना
ReplyDeletebhaut khubsurat...........
ReplyDeleteरचनाकार के लिए शब्द ही जीवन है
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने ..रचना कार की जिन्दगी ही उसकी रचना ही होती है .....बहुत सुन्दर, हर रचनाकार के मन की बात कह दी आपने
ReplyDeleteरचनाकार अपनी राह निकाल ही लेता है...कोई बंधन उसे बाँध नहीं सकता...
ReplyDeleteदेखो न....तुमने भी तो रच ही डाली सुन्दर कविता,उलझन में भी...
♥
सस्नेह
अनु
रचनाकार की जिंदगी ही उसका जीवन है बिलकुल सच कहा आपने *********
ReplyDeletekya keh diya hai.....rachna kar ki rachna ko kis tarah racha aapne............
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteतो रचनाकार रचना कैसे करे ?
ReplyDeleteजबाब मिल गया या सवाल अब भी बाकी है ?
mil gaya didi
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