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Friday, April 17, 2009

कहाँ ले जाऊ ?

कभी कभी तेरी याद इस कदर आती है 
की मेरी आँखें भर आती है ,
आँखों से गिरते एक एक आँसू 
तेरे प्यार को तरसते है,
क्या करू मैं अपना....कहाँ ले जाऊ
अपने इन जज्बातों को ?
कहाँ ले जाऊ इन आंसुओं  को
अपनी इस तड़प को ?


कहाँ ले जाऊ ?


रेवा 

2 comments:

  1. You write Poetry with Lots of Love & Emotions ............ every word dipped deeeeeeep in Love ......

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