क्या करूँ के जब कोई प्यार भरा
गीत सुनती हूँ तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब में आइने के सामने
सवरती हूँ तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब ठंडी हवा का झोंका
मुझे छु कर जाता है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब बारिश की बुँदे मेरे तन
को भिगाती है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब संध्या की बेला रात के
आगोश में समाती है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के दिल की हर धड़कन
के साथ तुम याद आते हो ...........
क्या करूँ ?
रेवा
गीत सुनती हूँ तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब में आइने के सामने
सवरती हूँ तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब ठंडी हवा का झोंका
मुझे छु कर जाता है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब बारिश की बुँदे मेरे तन
को भिगाती है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के जब संध्या की बेला रात के
आगोश में समाती है तो तुम याद आते हो ,
क्या करूँ के दिल की हर धड़कन
के साथ तुम याद आते हो ...........
क्या करूँ ?
रेवा
क्या करूँ के दिल की हर धरकन
ReplyDeleteके साथ तुम याद आते हो ...........
Bahut tanhaa mahsoos hota hai aise samay!
yess bahut jyada akelapan
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