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Saturday, December 25, 2010

क्यों होता है हमेशा ऐसा ???

गुलबिया पति की रोज मार सहती
ज़िन्दगी जी रही थी ,
रोज आंसु बहाती
पर वो न पिघलता ,
एक दिन ऐसा भी आया 
उसने घर छोड़ने का फैसला कर लिया ,
पति ने दो चार आंसु बहाए
प्यार के दो बोल बोले ,
पिघल गयी वो
पर मन मे कहीं जानती थी वो ,
कल फिर वही होगा , जो पहले होता था
फिर भी मान गयी.......
क्यों ?
क्यों होता है हमेशा ऐसा ???

रेवा

9 comments:

  1. पर मन मे कहीं जानती थी वो ,
    कल फिर वही होगा , जो पहले होता था
    फिर भी मान गयी.......
    क्यों ?
    ...........क्यों होता है हमेशा ऐसा

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  2. भारतीय नारी ऐसी ही हुआ करती थी.............

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  3. पिघल गयी वो
    पर मन मे कहीं जानती थी वो ,
    कल फिर वही होगा , जो पहले होता था
    xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
    मानसिक द्वंद्व की अभिव्यक्ति ....बहुत सुंदर ...शुक्रिया

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  4. आपको नववर्ष 2011 मंगलमय हो ।
    सुन्दर शब्दों की बेहतरीन शैली ।
    भावाव्यक्ति का अनूठा अन्दाज ।
    बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
    हिन्दी को ऐसे ही सृजन की उम्मीद ।
    धन्यवाद....
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

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  5. रेवा जी, नारी मन की दशा को बखूबी उतार दिया है आपने। हार्दिक बधाई।

    ---------
    पति को वश में करने का उपाय।
    मासिक धर्म और उससे जुड़ी अवधारणाएं।

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  6. AAP SAB KA BHAUT BAHUT SHUKRIYA......

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  7. आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !"

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  8. aise hi hota hai kyun ki bhartiye aurten apne pati ko bahut pyaar karti hain v nice

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