आँखों के रास्ते जब
एहसास बहने लगे
तो मै क्या करू ,
धड़कने जब
अपनी गति भूल कर
तेज होने लगे
तो मै क्या करू ,
मेरी बाहें जब
तेरे गले का हार
बनने को तरसे
तो मै क्या करू ,
मेरी साँसों को जब
तेरे आगोश मे ही
सुकून मिले
तो मै क्या करू ,
मै जब
बस तुझमे ही
सामना चाहू
तो मै क्या करू ,
हर तरफ बस
तू और तेरी खुशबू
बिखरी रहे
तो मै क्या करू ,
इन प्यार भरे
एहसासों को जब
तू महसूस
ही न कर पाए
तो मै क्या करू ?
रेवा
मै जब
ReplyDeleteबस तुझमे ही
सामना चाहू
तो मै क्या करू
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
होली की सपरिवार रंगविरंगी शुभकामनाएं |
ReplyDeleteकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
sanjayji dhanyavad....apko bhi holi mubarak....koi baat nahi
ReplyDeleteओह्ह्ह !!! क्या खुबसूरत एहसास पिरोये हैं कविता में...
ReplyDeleteबहुत खूब...
होली की ढेर सारी शुभकामनाएं...
shukriya Shekhar ji......apko bhi holi ki dhero shubkamnayein
ReplyDelete" log kahan samjh paate hein apne hi dil mey chupi baaton ko ,
ReplyDeletekamaal ka jajba hey yh tere 'pyaar' ka teri dil-ki-dhadkan mein ,
jab bhi chaha apne dil-ki-chalnni mey chana paya hey ISKO tune!
Bahut bahut sundar likha hey Mini, kis beauty-parlour mey jane lagi ho jo itna nikhaar aa raha hey ............. lol
Dadu !
hahahaha dadu....thanx for such nicee comments....
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या खुबसूरत एहसास पिरोये हैं कविता में|धन्यवाद|
ReplyDeletemalkhan ji aur apka shukriya
ReplyDeleteBahut sundar rachna apnki...waha! apki har rachna me kuch na kuch naya aur dil ke karib hota hai.....
ReplyDeleteshukriya dinesh ji
ReplyDeleteKABHI KABHI AAISI BATE SUN KAR LAGTA HAI MAI KYA KARU
ReplyDeleteTHANKS ALOT FOR SHAIRING YOUR FEELINGS
SUBEDAR YADAV
ASSTT. PROFESSOR
ye rat ye tanhai ye gungunate tare
ReplyDeleteye yado ka manjar bus tujhko pukare
.................
THANKS TO REVA JI
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