पिछले कुछ दिनों मे
आकाश मे टिमटिमाते
तारों की भाषा पढ़ने
की कोशिश की,
तो पाया की ये
हमे कितना कुछ
सीखाते हैं रिश्तों
के बारे मे,
कितने अनगिनत
तारे एक साथ
रहते हैं
उस नीले असमान पर
बिना लड़े झगडे ,
बस टिमटिमाते
रहते हैं /
दो प्रेमियों की तरह
एक दुसरे से
एक दुसरे से
प्यार करते ,
एक दुसरे को सदा
देखते रहते हैं,
पर कभी एक दुसरे
से मिल नहीं पाते,
न कभी इसकी
शिकायत ही
करते हैं किसी से,
बस
प्यार करते रहते हैं ,
ध्यान से देखो उन्हें
और जीवन को
प्यार से जगमगाते
रहो ...........
रेवा
Sach hai! Hamne qudrat se kitna kuchh seekhna chahiye!
ReplyDeleteवाकई ,सीख पाते तो अच्छा रहता ..
ReplyDeletekshama di shukriya.....rekha ji bahut bahut shukriya
ReplyDeleteबहुत ही शानदार रचना है....लाजवाब
ReplyDeletesanjay ji shukriya....
ReplyDeleteसुन्दरता से लबरेज एक उत्तम प्रस्तुति :
ReplyDeleteएक दुसरे को सदा
देखते रहते हैं,
पर कभी एक दुसरे
से मिल नहीं पाते,
........प्यार करते रहते हैं !
सच में ! प्यार हो तो ऐसा हो !!
kamlesh ji shukriya
ReplyDeletethoda thoda ladna b zarur chahida ha
ReplyDeletewarna bade kaise hoge bolo
ma to ladaii karuga
bhai...aaj akhir aa hi gaye yahan....sahi hai ladai bhi jaroori hai
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