प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
रेवा जी, सुन्दर और यथार्थपूर्ण रचना.. आज के दौर में रिश्ते सचमुच में ऐसे ही हो गए हैं, बस स्वार्थ के रिश्ते रह गए हैं, किसी भी रिश्ते में यदि दोनों तरफ से खाद और पानी डाला जाए तो शायद उस रिश्ते तो उम्र लम्बी हो !
Zyadatar rishte aise hee hote hain!
ReplyDeleteरेवा जी,
ReplyDeleteसुन्दर और यथार्थपूर्ण रचना..
आज के दौर में रिश्ते सचमुच में ऐसे ही हो गए हैं, बस स्वार्थ के रिश्ते रह गए हैं, किसी भी रिश्ते में यदि दोनों तरफ से खाद और पानी डाला जाए तो शायद उस रिश्ते तो उम्र लम्बी हो !
बहुत खूब
ReplyDeleteसुन्दर रचना
aap sab ka shukriya
ReplyDeleteबहुत प्यारे अहसासों को शब्द दिए है आपने
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
sanjay ji shukriya..apke comment ka intezar rehta hai
ReplyDeleterishtey phoolo jaise kuch samay k liye murjhatey hai par fir nayi taazgi leke aa jatey hai
ReplyDeletebas agar ek sorry mangey to dusre ko smile kare...
very gud quation
ReplyDeletebut ristoy ka kam hai khilna or murjana use sambhal rakho
very gud quation
ReplyDeletebut ristoy ka kam hai khilna or murjana use sambhal rakho