हर रात जब मैं
अपनी बाल्कनी खोलती हूँ तो
चाँद मुस्कुराते हुए
मुझे चिड़ाता है ,
कभी हँसाता है
कभी समझाता भी है ,
कभी नज़रे चुरा कर
हौले से थपकी दे कर
सुला देता है ,
कभी मुझे अकेलापन महसूस हो तो
अपने होने का एहसास दिलाता है ,
कभी कभी तो अपनी चाँदनी
के साथ होने की वजह से बहुत इतरता है
और तब वो पूरा नज़र आता है,
अपनी चाँदनी की रौशनी
हर तरफ बिखेरता है ,
हाँ पर किसी दिन जब वो
मेरे साथ लूका छीप्पी खेलता है तो
फिर लाख ढुंढ़ो कहीं नज़र नही आता ,
काश! मैं भी चाँद की तरह होती
बस अपनी चाँदनी के साथ
हर हाल मे खुश होती ,
और दूसरो को भी खुश रखती !
रेवा
कोमल भावो की
ReplyDeleteबेहतरीन......
रेवा जी...
ReplyDeleteमन के भावों का मंद-मंद झोंका मन प्रसन्न कर गया... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
खूबसूरत एहसास... सुंदर अभिव्यक्ति... प्रशंसनीय प्रस्तुति....
ReplyDeleteये शब्द आपकी चाँदनी ही हैं न ......... ढेर सारी मुस्कान दे गए
ReplyDeleteकोमल अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteकभी मुझे अकेलापन महसूस हो तो , अपना होने का एहसास दिलाता है बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,, रेवा जी
ReplyDeleteखूबसूरत ख़याल
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeletewo to ho hi aappppppppppp
ReplyDeleteBahut sundar abhivyakti... Suv Kmanayain.
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
उम्दा ...बहुत खूब
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya.....
ReplyDeleteBahut komay,anoothe bhav!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletemujhe aapka chaand hona bilkul bhi achchha nahi lagta....woh jab aata hai....tab achchha lagta hai...aur jis raat nahi aata...us raat har taraf andhera kar jaata hai...mujhe aap EK TAARE ki tarah hi achchhe lagte ho.....door ho....chhote ho....per aate to roj ho...mere khayaalon mein....meri yaadon mein.....
ReplyDeleteshamaji shukriya
ReplyDeletesansac thank u.....
ReplyDeleteबेहद सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआप Rajpurohit Samaj ब्लॉग के समर्थक(Followers) बने फोलो |
Rajpurohit Samaj!
पर पधारेँ।
shukriya...ji jaroor
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना, बधाई रेवा.
ReplyDeleteThanks jenny di
ReplyDeleteचाँद कब चांदनी से दूर रहा है
ReplyDeleteएहसास की खूबसूरत रचना
Vermaji shukriya apka
ReplyDeletebahut behtareeen laga aapka chand hona..:)
ReplyDeleteMukeshji apka blog par swagat hai...bahut bahut shukriya
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