किसी ने सच ही कहा है की,
बारिश के साथ रोना
कितना आसान होता है,
बूंदो का आंसुओं से मिलन
बादलों के प्यार का दर्द से मिलन,
पानी का पानी मे मिल क़र
बह जाना ,
कितना अद्दभुत है ये
पगलाये बादलों और
पगलाये नैनों का मिलन /
रेवा
बारिश के साथ रोना
कितना आसान होता है,
बूंदो का आंसुओं से मिलन
बादलों के प्यार का दर्द से मिलन,
पानी का पानी मे मिल क़र
बह जाना ,
कितना अद्दभुत है ये
पगलाये बादलों और
पगलाये नैनों का मिलन /
रेवा
sach .... gahri abhivyakti
ReplyDeletebahut bahut shukriya apka
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ReplyDeleterewa ji...meine pahle bhi aapki kavitaayein padhi hai.....bahut sunder shabd dete ho aap..apni bhawnaao ko......iske liye aap aur aapki kalam badhaai ke patr hai...kripya sweekar karein...
ReplyDeletebahut umda rachna..bahut hi marmik prastuti
ReplyDeleteभावमय करते शब्दों का संगम
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता। बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति. सुन्दर रचना. :-).
ReplyDeleteआज का आगरा
सुन्दर मनोभाव !
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
और पता बी नहीं चलता की आप रो रहे हो ... सच कहा ...
ReplyDeleteaap sabka bahut abhut shukriya.....samay nikal kar padhne kay liye...
ReplyDeleteवाह खूबसूरत भाव ....सादर
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteAnuji , shushmaji...bahut bahut shukriya
ReplyDeleteKitni sadgee se aap apni baat kah detee hain!
ReplyDeletekshamadi....shukriya
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
ReplyDeleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
Madanji shukriya...
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