उफ्फ ये दर्द
जब होता है तो ,
हर चीज़ इसके सामने छोटी हो जाती है ,
मन बदलने के लिए कुछ भी करो
हर बार दर्द अपनी जगह बना ही लेता है ,
गाने सुनो तो ,
गाने के बोल नश्तर चुभाते हैं ,
कोई प्यार से बात करे तो
ये और भी बढ़ जाता है ,
हर वो चीज़ ,
जो सुकून देनी चाहिये
वो दर्द का एहसास कराती है ,
लगता है
सारे ज़माने की तकलीफ सिमट कर
खुद की झोली में आ गयी हो ,
कहा जाता है की
दर्द जिसने अनुभव किया हो
उसे ही सुख की अनुभूति होती है ,
पर क्या सुख के लिए
इतना दर्द बर्दाश्त करना जरुरी है ?
रेवा
बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteshukriya sawai singh ji
Deleteवाह भावमय करती प्रस्तुति।
ReplyDeletesadaji bahut bahut shukriya
Deletebahut sunder prastuti
ReplyDeleteshukriya Amrendra ji....hamesha padhne kay liye
Deleteदुःख और दर्द....
ReplyDeleteकिस्मत और कर्मों की बात है....
जरुरी कुछ भी नहीं....रेवा जी.....
बस.....बिना दुःख झेले सुख का एहसास नहीं होता ....
और.....सुख तभी अच्छा लगता है...जब दुःख झेला हुआ होता है.....
सब अपने अपने कर्मों का फल है......
अगर मनुष्य हमेशा एक बात अपने दिमाग में रखे कि......
'यह क्षण भी निकल जाएगा'....
तो...उसको दुःख कम होगा और ख़ुशी के समय भी उसके पैर ज़मीन पर ही रहेंगे....
रचना में बखूबी दर्द भरने के लिए....आप और आपकी कलम....दोनों ही बधाई के पात्र है.......
आने वाली और भी बहुत सी रचनाओं के लिए...ढेर सारी शुभकामनायें.....
Sansacji....bahut bahut dhanyavad...hausla badhane kay liyee
Deleteसुख की अनुभूति भी दुख के बाद ही पता चलती है ...सटीक बात
ReplyDeletesangeetaji...shukriya samay nikal kar apne padha aur saraha
Deletekya keh diya hai riwa jiiiiiiii dard hi dard.
ReplyDeletePKji shukriya
Deleteदर्द के बाद सुख अच्छा लगता है ... पर किसी छोटे से सुख के लिए गहरे दर्द की पीड़ा क्या जरूरी है ...
ReplyDeletesahi kaha Digabmar ji...dhanyavad
Deleteशायद दर्द जब नहीं होता वही सुख होता है......
ReplyDeleteसुन्दर भाव रेवा जी...
अनु
Anuji shukriya
Deleteदर्द का भी अपना एक अलग ही मज़ा है...
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक शब्द रचना !!
kamleshji aap hamesha padhte hain...dhanyavad
Deleteसुन्दर !
ReplyDeletepratibha ji bahut bahut shukriya
Deleteआज 26/07/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
yashwantji bahut bahut shukriya
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ........
ReplyDeleteजब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में...
ReplyDeletejenny di...sahi kaha
Deleteupasnaji shukriya
ReplyDeleteदर्द ही दर्द में लिप्त हर शब्द हैं
ReplyDeleteshukriya Anu ji
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