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Tuesday, April 30, 2013

शंका

रात जब नींद नहीं आती
करवटें बदलते-बदलते
जाने क्यों तुम याद आने
लगते हो ,
मन तुम्हारे एहसासों से
भीग उठता है ,
दूर होते हुए भी
तुम्हारे बाँहों के घेरे मे
सिमट जाती हूँ ,
ऐसा लगता है
तुम मेरे पास ही हो ,
पर कभी कभी
एक शंका भी घेर लेती है कि,
जितनी शिद्दत से मैं
तुम्हे महसूस करती हूँ
क्या तुम तक वो एहसास
पहुँचते हैं ?
पर अगले ही पल
जब जवाब बन कर
तुम ख्वाबों मे आ जाते हो तो
सारी शंकाएं दूर हो जाती है ,
और रह जाता है बस
प्यार भरा एहसास /

रेवा



12 comments:

  1. वाह प्रेम के महीन अहसास को व्यक्त करती
    सुंदर रचना
    बधाई

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
    कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?

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  2. बहुत अच्छा है ये प्यार का अहसास .....

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  3. बहुत ही रोचक
    दिल को छूती
    हार्दिक शुभकामनायें

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  4. अहसासों का सफर ..बहुत खूब

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  5. सुन्दर एहसास सुन्दर शब्दों में ........

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  6. bahut bahut shukriya yashoda behen.....jaroor

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  7. बहुत खूबसूरत हर शब्द

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  8. ehsaas aur pyar ka sundar ehsaas rewa

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  9. एही तो प्यार है ,सुन्दर प्रस्तुति
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    lateast post मैं कौन हूँ ?
    latest post परम्परा

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  10. बहुत कोमल एहसास

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