ज़िन्दगी का हर पड़ाव हमे कुछ न कुछ सिखाता है।
आज खड़े हैं हम वहाँ जहाँ कभी हमारे माँ बाप थे
हम भी सुनते है वो जवाब बच्चों से
जो कभी वो हमसे सुना करते थे ,
आज टूटता है हमारा भी दिल
जब बच्चे कुछ "पूछने" को "टोकने "
का नाम देते हैं ,
आज हम भी रोते हैं जब
अपने दिल के टुकड़ों कि चिंता को
"टेन्शन" और "ओवर रियेक्ट" का नाम
दिया जाता हैं।
आज हम भी सोच मे पड़ जातें हैं जब
उन्हें हर छोटी बड़ी बात सिखाने के बाद
सुनते है "आप नहीं समझोगे ",
आपका जमाना कुछ और था
हमारा कुछ और ,
तब हम अपने माँ बाप
का नजरिया नहीं समझते थे
और आज हमारे बच्चे हमारा,
शायद ये प्रक्रिया चलती रहेगी हमेशा
अंत मे ये कहूँगी
"नमन हर माँ बाप को
उनके संयम और प्यार को
उनके रूप में
धरती पर बसे
भगवान् को "
रेवा
दो पीढ़ियों के बीच की खाई हमेशा रहा है और रहेगी !
ReplyDeleteनई पोस्ट वो दूल्हा....
latest post कालाबाश फल
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ReplyDeleteसचमुच यह भेद अभेद ही रह जाता है.
ReplyDeleterajeevji abhar
ReplyDeleteये तो श्रस्टी का क्रम है ... चलता रहेगा ....
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