आज जब मैंने तुमसे बात की
तो मैं रो पड़ी
क्युकी कुछ महीनों के लिए
तुम दूर जो हो मुझसे ,
पर तुम हँस पड़े
और कहा ,
"दूर कहाँ
हमेशा तो मैं तुम्हारे साथ हूँ
तुम्हारे दिल मे ,
बस उस साथ को
महसूस करो ,
जुदाई के
एक एक पल को
हमारे प्यार से
इस कदर भर दो की
जब हम पीछे मुड़
कर देखें
तो हमारा मन
हमारे प्यार और संयम
को देखकर
दुगुने प्यार से भर उठे "
क्या बताऊँ तुम्हे की
तुम्हारी इन बातों को सुन कर
सारा गम
आँसू बन कर बह गया
और रह गया बस प्यार।
रेवा
वाह...ऐसे प्यार पे कुर्बान जाऊं.... बहुत सुन्दर भाव
ReplyDeletebahut khubsurt pyar le pal ....man se dur nahi to tan se duri kya mayne rakhti hai ...bahut sundar
ReplyDeleteतन से दूर जितने
ReplyDeleteमन से तो पास हो....
बहुत ही सुन्दर रचना ...
:-)
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteWaah Bahin Waah
ReplyDeleteBahut Sundar Ehsaason Ka Tana-Bana. Sundar Jazbaati Rachna.
Bilkul sach.!!
ReplyDeleteVinnie
Saral shabdon mei bahut Sundar abhivyakti hai . . . . .
ReplyDeletemayank ji abhar
ReplyDeleteवास्तव में जादू के पल
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteप्यार से सराबोर :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना रेवा -बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना रेवा -बहुत बधाई
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