उस भयानक रात को गुजरे
पर क्या कुछ बदला है ?
कैसे बदलेगा ?
क्युकी
गलती तो हमारी है ,
हम घर से बहार
रात हो या दिन अकेले
नहीं निकल सकते ,
क्युकी आज़ाद देश मे
हम आज़ाद नहीं
पर गलती तो हमारी है ,
हम कपड़े पहनते है
पर फिर भी लोग
कपड़ो के निचे का
तन देखते हैं
पर गलती तो हमारी है ,
मोबाइल फ़ोन पर एप्प्स
हाँथ मे चिल्ली स्प्रे लेकर
हम चलते हैं
फिर भी हम सुरक्षित नहीं
पर गलती तो हमारी है ,
इस धरती पर हम जन्मे
घर मे लाड़ प्यार से पले
देवी बन कर पूजे गए ,
जिन हाँथो ने पूजा
उन्हींने फिर अस्मत लुटा
हम लुटे गए उसमे भी
गलती हमारी है ,
ऐ भगवन
नारी रूप मे इस धरती पर
बार बार जन्म देना
ताकि बार बार हम ये
साबित करते रहे की
नारी का जन्म
गलती नहीं है
वो लूट और भोग कि
वस्तु नहीं है,
वो एक शक्ति का स्वरुप है।
रेवा
Bahut umda...
ReplyDeletet r r sr is rt/ :)
DeleteTusharji shukriya
Deleteबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना.
ReplyDeleteRajeev ji shukriya
DeleteNari Man Ki Vedna Ko Bahut Khoob Shabd Roopi Aapne Sajaye Hain.
ReplyDeleteहम कपड़े पहनते है
पर फिर भी लोग
कपड़ो के निचे का
तन देखते हैं
पर गलती तो हमारी है ,
Purush Or Samaj Ka Jab Tak Mansikta Nahi Badlega, Tab Tak Koi Bhi Kanoon Ban Jaye, Halat Nahi Sudhar Sakte Hain.
Or Mansikta Tabhi Badlegi Jab Har Maa-Baap Apne Bachchon Pe Bachpan Se Hi Kadi Nigrani Ke Saath Saath Uchit-Anuchit me Antar Or Nek Salah Denge. Aaj Ke Halat Me Bhi Jabtak Har Vykti Jimmedari Se Aise Dushkrmon Ka Virodh Nahi Karenge. Ye Jaghny Paap Karne Wale Nahi Baaj Aayenge.
Kewal Kanoon Banane Se Nahi, Uska Skhti Se Palan Bhi karna Hoga. Or Iske Liye Sarkaar Ko Kada Rookh Ikhtiyaar Karna Padega.
sahi keh rahein hain aap abhi bhai
ReplyDeleteआपने सही सवाल उठाया है दी...
ReplyDeleteस्त्रियों पर ही गलत होने का लाँझन लगता वो सही होकर भी गलत है...पता नहीं परिस्थितियां कब बदलेगी..जब भारत कि बेटी अपने ही देश में निडर होकर रह सके...
sach kaha choti behna
Deleteवेदना है हर नारी की, जो आपने बयां की। पर सच में रेवा जी गलत हम ही ठहरा दिये जाते हैं...
ReplyDeletehaan parul ji kadva sach yahi hai
Deleteबहुत ही उम्दा,सटीक प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: एक बूँद ओस की.
Dhirendra ji abhar
ReplyDeletebahut hi umda ......v.nice rewa G
ReplyDeletevikas ji shukriya
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