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Saturday, August 16, 2014

मनुहार





तेरे प्यार मे ओ कान्हा !
भूल गयी मैं आना - जाना
एकटक बस निहारती हूँ तुझको
जाने कैसे आकर्षण मे
बांध लिया है मुझको ,

जब - जब तू हो जाता है उदास
बंद हो जाती है
मेरी भी भूख प्यास ,
बार - बार करती रहती हूँ मनुहार
होंठ लगा बाँसुरी
मुस्कुरा दे तू एक बार,

बस आज कर दे तू ये कमाल
तो ज़िन्दगी भर के लिए
मैं हो जाऊँ निहाल……………

रेवा

8 comments:

  1. मनमोहक प्रस्तुति...कृष्ण जन्म दिवस पर सभी कृष्णमय हो जायें...इस आशा के साथ मंगलकामनायें...

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  2. श्रेष्ठ सृजन, मनुहार भी ऐसी की कर दे निहाल

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  3. सुन्दर, बहुत सुन्दर

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  4. बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति

    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
    सादर --

    कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------

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