तेरे प्यार मे ओ कान्हा !
भूल गयी मैं आना - जाना
एकटक बस निहारती हूँ तुझको
जाने कैसे आकर्षण मे
बांध लिया है मुझको ,
जब - जब तू हो जाता है उदास
बंद हो जाती है
मेरी भी भूख प्यास ,
बार - बार करती रहती हूँ मनुहार
होंठ लगा बाँसुरी
मुस्कुरा दे तू एक बार,
बस आज कर दे तू ये कमाल
तो ज़िन्दगी भर के लिए
मैं हो जाऊँ निहाल……………
रेवा
बहुत ही सुंदर रचना , आ. धन्यवाद !
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सुंदर मनुहार
ReplyDeleteShukriya ashish ji
ReplyDeleteमनमोहक प्रस्तुति...कृष्ण जन्म दिवस पर सभी कृष्णमय हो जायें...इस आशा के साथ मंगलकामनायें...
ReplyDeleteश्रेष्ठ सृजन, मनुहार भी ऐसी की कर दे निहाल
ReplyDeleteसुन्दर, बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
सादर --
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
bahut sundar manuhar ....
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