जाने क्यूँ .........
कभी-कभी घर का काम
करते -करते कुछ गानों के शब्द
ऐसे मन को छू जातें हैं की
बैठ कर उसे पूरा सुनने को
और उस गीत मे
खो जाने को मन करता है
जाने क्यूँ………
और तब गीत सुनते सुनते
दिल भरने लगता है
आँखों से अविरल आँसू
बहने लगते है
जाने क्यूँ………
मन करता है
तुम्हारे कंधे पर
सर रख कर
रोती रहूँ
आँसुओं से
तुम्हे भिगोती रहूँ
जाने क्यूँ………
भूल जाऊँ
सारे गीले शिकवे
भूल जाऊँ सारे गम
तुम्हारे आगोश मे समाये
बस लेती रहूँ हिचकियाँ
जाने क्यूँ………
मगर माँगा हुआ कुछ नही मिलता
मन को समझाओ
जितना भी बहलाओ
नही समझता
और उलझता है,
क्या तुम ने ही कह दिया है इस दिल से
ज़माने से फ़ुर्सत पा के तुम इस के पास आओगे
और इस के हर बात मान जाओगे
यही सच लगता है
जाने क्यूँ .......?
रेवा
समस्त रचनाएं खूबसूरत , रेवा जी धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
खूबशूरत अहसास
ReplyDeletebahut sundar
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteसुंदर।
सुन्दर और भावप्रणव रचना।
ReplyDeleteShukriya rajendra ji
ReplyDeleteभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसुंदर और ससक्त रचना ...
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteप्रेम के गहरे एहसास पिरोये .. लाजवाब रचना ...
ReplyDeleteShukriya Digamber ji
Deleteबहुत ही सुंदर रचना है आपकी।
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