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Monday, January 19, 2015

दोस्ती की खुशबू



आज फिर एहसासों को
शब्दों मे पिरोने की कोशिश
कर रही हूँ और                        
शब्द कम पड़ रहे हैं.……

२७ सालों बाद
स्कूल के दोस्तों से मिली ,
जो अपनापन और प्यार
महसूस हो रहा था
वो हर किसी से
मिल कर नहीं होता ,
उस लम्हे को कैसे दूँ शब्द ?

वो लम्हा तो बस
दिल के दरवाज़े मे
क़ैद हो कर अपनी खुशबू
बिखेर रहा है  ,

ख़ुशी के पल तो
पंख लगा कर उड़ गए
पर एहसासों के
निशाँ छोड़ गए ,

आज आँखें बार - बार
नम हो रहीं है
उन पलों को याद कर के ,

पर तस्सली इस बात की है की
ये एहसास ,दोस्ती और मिलन
की खुशबू अब सदा रहेगी
हम सब के साथ

रेवा



9 comments:

  1. क्या कहें ...आपके दिल से निकली मीठी सी बात है...मधुर यादें कभी नहीं जाती

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  2. बहुत सुन्दर .खुशनुमा यादें हमेशा साथ रहती हैं.
    नई पोस्ट : फासले कब मिटा करते हैं

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  3. bahut sunder madhur si rachna....bachpan ki dosti ke yade dil me sada basi rahti hai ...

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  4. सशक्त रचना...बहुत खूब...

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  5. दोस्ती एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दोँ में उकेर पाना नामुमकिन है...सुंदर और सफल प्रयास आपका।।

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  6. भावपूर्ण रचना .....बीते कल की यादें लौट आती हैं ....

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