प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Wednesday, April 12, 2017
मेरा वज़ूद
अपने शरीर से आज
झाड़ ली है मैंने
वो सारी कही अनकही
बातों की धूल ,
अब मुझे साफ़
दिख रहा है
अपना वजुद ,
पर घर की तरह
इस धूल को भी
मुझे रोज़ झड़ना होगा ,
वार्ना ये फिर
मेरे शरीर को अपना
बना लेंगे
और धुँधला जायेगा
मेरा वज़ूद
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13-04-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2618 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
shukriya dilbag ji
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "नयी बहु - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteshukriya
Deleteप्रभावशाली प्रस्तुति...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई प्रस्तुति पर आपके विचारों का स्वागत।
shukriya
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteshukriya onkar ji
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