प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 19 अप्रैल 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteshukriya digvijay ji
Deleteआपकी रचना अत्यंत प्रेरणाप्रद है। "एकलव्य"
Deleteshukriya dhruv ji
Deleteसीख देती सुन्दर कविता रेवा जी, समय के साथ-साथ मदारी भी अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है।
ReplyDeleteshukriya ,sach kaha rakesh ji
Deleteसुन्दर।
ReplyDeleteshukriya sushil ji
Deleteबहुत खूब।
ReplyDeleteshukriya
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