पापा
मुझे दर्द बहुत होता है
जब आपकी तस्वीरों
पर माला देखती हूँ
मुझे दर्द बहुत होता है
जब माँ को तन्हाइयों से
लड़ते देखती हूँ
मुझे दर्द बहुत होता है
जब गर्मियों में
बच्चों की छुट्टियां होती हैं
और आपकी आवाज
नहीं आती,
मुझे दर्द बहुत होता है
जब भईया को इस उम्र में
इतना बड़ा बनते देखती हूँ ,
पापा बहुत याद आते हैं आप
जब मुझे ज़िद करने की
इच्छा होती है ,
बहुत रोती हूँ मैं
जब कोई लाड़ से मनुहार
नही करता ,
पापा बहुत दर्द होता है
जब मुझे एक दोस्त चाहिए
होता है समझने
और प्यार करने के लिए ,
पर एक बात की खुशी
हमेशा रहेगी कि भगवान ने
आपको दर्द से सदा के लिए
मुक्त कर दिया ,
इसी आस के साथ मैं भी
ज़िंदा हूँ पापा
कि एक दिन हम फिर मिलेंगे
अनंत से आगे इस दुनिया से दूर
जन्नत में।
रेवा