कैसे लिखूं कविता
क्या लिखूं की
गरीब माएं मजबूरी में
बेटियों को धन्धे पर
लगा देती हैं
ताकि पेट भरता रहे
क्या लिखूं की
गरीब माएं मजबूरी में
बेटियों को धन्धे पर
लगा देती हैं
ताकि पेट भरता रहे
क्या लिखूं की
कूड़े के ढेर से चुन कर
सड़ी गली चीज़ें खाते हैं
बच्चे ताकि उनकी
भूख मिट सके
कूड़े के ढेर से चुन कर
सड़ी गली चीज़ें खाते हैं
बच्चे ताकि उनकी
भूख मिट सके
क्या लिखूं की
फेक दी जाती है बेटियाँ
पैदा होते ही
या कभी कभी पैदाइशी
से पहले गिरा दी जाती हैं
फेक दी जाती है बेटियाँ
पैदा होते ही
या कभी कभी पैदाइशी
से पहले गिरा दी जाती हैं
क्या लिखूं की
होते हैं बलात्कार रोज़
अटे पड़े हैं अखबार
इन खबरों से
शाम को जब तक बेटियाँ
घर न आ जाएं
हर पल कई मौत
मरते हैं घर वाले
होते हैं बलात्कार रोज़
अटे पड़े हैं अखबार
इन खबरों से
शाम को जब तक बेटियाँ
घर न आ जाएं
हर पल कई मौत
मरते हैं घर वाले
क्या लिखूं की
आरक्षण , बेरोज़गारी
मार रही है
युवाओं को
आरक्षण , बेरोज़गारी
मार रही है
युवाओं को
या ये लिखूं की
पैसा पैसा और बस पैसा
कमाने की होड़ में
जीना भूल रहें है लोग
पैसा पैसा और बस पैसा
कमाने की होड़ में
जीना भूल रहें है लोग
पर इन सब के बावजूद
आज भी इंसानियत कायम है
प्यार कायम है
और इसी वजह से चल रही है
ये दुनिया
तो बस मैं यही लिखना चाहती हूं
आज भी इंसानियत कायम है
प्यार कायम है
और इसी वजह से चल रही है
ये दुनिया
तो बस मैं यही लिखना चाहती हूं
वाह सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया
Deleteपर इन सब के बावजूद आज भी इंसानियत कायम है प्यार कायम है और इसी वजह से चल रही है ये दुनिया....यही सच्चाई हैं रेवा दी। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया
Deleteबेहद हृदयस्पर्शी रचना
ReplyDeleteआपकी लिखी इस रचना का एक शब्द हमने विषय के रूप मे लिया है जिसको आधार मानकर हमारे पाठक रचनाएँ लिखेंगे और वे रचनाएँ हम 17 जून को प्रकाशित करेंगे "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार जून 11, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने!!!
ReplyDeleteशुक्रिया ..इतना उम्दा लिखने के लिए !