कभी-कभी अनजाने ही
कुछ अनकहे रिश्ते
बन जातें हैं ,
बेगाने भी अपने
बन जाते हैं ,
मीलों की दुरी हो दरमियाँ
पर फ़साने
बन जातें हैं ,
और फिर ये फ़साने
ज़िन्दगी जीने के बहाने बन जातें हैं /
रेवा
कुछ अनकहे रिश्ते
बन जातें हैं ,
बेगाने भी अपने
बन जाते हैं ,
मीलों की दुरी हो दरमियाँ
पर फ़साने
बन जातें हैं ,
और फिर ये फ़साने
ज़िन्दगी जीने के बहाने बन जातें हैं /
रेवा
पत्नी, पुत्री, बहन का, मात-पिता का प्यार।
ReplyDeleteउनको ही मिलता सदा, जिनका हृदय उदार।
--
आपकी इस पोस्ट का लिंक आज के चर्चा मंच पर भी है!
सूचनार्थ।
bahut bahut shukriya.....
Deleteप्रेरित करती रचना -
ReplyDeleteआभार आदरेया--
बहा बहाने ले गए, आना जाना तेज |
अश्रु-बहाने लग गए, रविकर रखे सहेज |
रविकर रखे सहेज, निशाने चूक रहे हैं |
धुँध-लाया परिदृश्य, शब्द भी मूक रहे हैं |
बेलेन्टाइन आज, मनाने के क्या माने |
बदले हैं अंदाज, गए वे बहा बहाने ||
Ravikarji shukriya...
ReplyDeleteहोता है ऐसा भी!
ReplyDeleteहोता है ऐसा ... सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुन्दर प्रभाब शाली अभिब्यक्ति .आभार .
ReplyDeleteदिल के पास हैं लेकिन निगाहों से बह ओझल हैं
क्यों असुओं से भिगोने का है खेल जिंदगी।
जिनके साथ रहना हैं ,नहीं मिलते क्यों दिल उनसे
खट्टी मीठी यादों को संजोने का है खेल जिंदगी।
wah!nice and true lines madanji
Deleteहाँ न...
ReplyDeleteजैसे तुम बनी हमारी नन्हीं बहना और हम तुम्हारी दी....
:-)
happy valentine day <3
love-
अनु
thanx di....luv u....
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