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Saturday, April 2, 2011

नवरात्र

फिर नवरात्र आ गया,फिर लोग माँ की पूजा का आडम्बर करेंगे
पर कुछ न बदलेगा ,देवी रूपी बच्चियों के साथ फिर भी बलात्कार
जारी रहेगा .अगर हम सच मे माँ की पूजा करना चाहते है तो ,
वर्तमान स्थिति मे बदलाव की जरूरत है . घर और बहार के रावनो
को पहचानने  की जरूरत है .वर्ना क्या पता यह कब हमारे घर तक
पहुँच जाये .

आ मेरी बच्ची
छुपा लू तुझे
अपने अंचाल मे
न जाने कब कहाँ
किस रूप मे
रावन बैठा हो
तुझे निगलने को.....


रेवा


7 comments:

  1. अगर हम सच मे माँ की पूजा करना चाहते है तो ,
    वर्तमान स्थिति मे बदलाव की जरूरत है . घर और बहार के रावनो
    को पहचानने की जरूरत है........ Bahut sundar kaha apne. sach me dhong karne se kuch nahi hoga... muh me ram ram aur bagal me churi wali batin han aaj to logoon ke liye.. kise ka na to maan na samman bacha ha.

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  2. RAWAN SE DAR KAR CHHUPAIYE NAHIN,
    USSE KAALIKA KE ROOP MEIN BANAIYE,
    USKI SHAKTI SE RAWAN KA NAASH HOGA,
    YAH VISHWAS APNE MAN ME UPJAAIYE.

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  3. WAISE BAHUT HI UMDA LIKHTI HAIN AAP.BADHAYEE.

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  4. Vijuy ji shukriya....sahi kaha apne

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  5. नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें !
    माँ दुर्गा आपकी सभी मंगल कामनाएं पूर्ण करें

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  6. sanjayji shukriya....apko aur apke privar ko bhi dhero shubhkamnayein

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