तुम कहते हो
इतना एहसास है
तुम्हारे अन्दर
मेरे लिए
तो जताती
क्यों नहीं ,
प्यार इतना भरा है
दिल मे तो
कभी बताती
क्यों नहीं ,
आंसू बहाती
हो चुप चाप
मेरे लिए
तो मुझे भिगाती
क्यों नहीं ,
क्यों सब मन
मे दबा
कर रखती हो ?
क्या बताऊ
तुम्हे की ,
ये एहसासों
का तूफान
तुम्हे उडा
ले जायेगा ,
प्यार तुम्हे
पागल कर देगा ,
आंसू तुम्हे
डूबो देंगे ,
ये मेरे
अन्दर रहेने दो,
मुझे अकेले ही
चलने दो ,
शायद अगले
जनम मे
तुम्हे पाऊ ,
इस जनम
मुझे सहने दो !
रेवा
इतना एहसास है
तुम्हारे अन्दर
मेरे लिए
तो जताती
क्यों नहीं ,
प्यार इतना भरा है
दिल मे तो
कभी बताती
क्यों नहीं ,
आंसू बहाती
हो चुप चाप
मेरे लिए
तो मुझे भिगाती
क्यों नहीं ,
क्यों सब मन
मे दबा
कर रखती हो ?
क्या बताऊ
तुम्हे की ,
ये एहसासों
का तूफान
तुम्हे उडा
ले जायेगा ,
प्यार तुम्हे
पागल कर देगा ,
आंसू तुम्हे
डूबो देंगे ,
ये मेरे
अन्दर रहेने दो,
मुझे अकेले ही
चलने दो ,
शायद अगले
जनम मे
तुम्हे पाऊ ,
इस जनम
मुझे सहने दो !
रेवा
bahut sunder, marmsparshi rachna
ReplyDeleteKya kahun? Asamanjas me hun....nihayat sundar rachana hai,itna hee kah paa rahee hun.
ReplyDeleteशायद अगले
ReplyDeleteजन्म में
तुम्हें पाऊं ,
इस जन्म में
मुझे सहने दो .... !
दिल की इच्छा ,
दिल को छू गई .... !!
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
Kya kehen rewa ji..shabd nahi hai mere paas....
ReplyDeleteek ek shabd mn ko chho gya .....
bahut khoob didi harday ke bhitar ek ajeeb sa ahsas karne wali poem
ReplyDeletelajawab hai waah
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteरेवा जी..
ReplyDeleteमुझे कहने दो !
मन को छू गये आपके भाव ।
इससे ज्यादा और क्या कहूं..
बहुत कुछ चन्द शब्दों में व्यक्त किया,आभार ।।
bhaut hi acchi....
ReplyDeleteबहुत भाव मयी रचना ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteक्या बात हैं दिल के एहसास ...शब्दों में उतर आए ...बहुत खूब
ReplyDeleteman ko bahut gahre tak tatolte behtarin bhav
ReplyDeleteआज 14/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ReplyDeleteyashwant ji shukriya....
Deletebahut behtareen...
ReplyDelete"is janam mujhe sahne do:)
aap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteरेवा जी, बहुत ही सुन्दर और भावमय लिखा है आपने.
ReplyDeleteसहने का दर्द मार्मिकता से दर्शाती प्रस्तुति.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा.
बहुत सुन्दर रेवा जी...
ReplyDeleteमन को छूते भाव..
अनु
Anu di shukriya....aap meri didi ki tarah dikhte ho bilkul...so aaj say apko mera margdarshan karna hoga
Deletevirah vedana ko jeevant karti bahut hi shashkt rachana likhi hai apne ......bilkul mn ko chhoo gayee ...sadar badhai sweekare
ReplyDeleteNaveen ji shukriya
Deleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ ............अच्छी लगी रचना
ReplyDeletesandhya ji mere blog par apka swagat hai.....shukriya....rachna may kuch kami ho tho jaroor batayiyega
Deleteमेरे ब्लॉग पर आपके आने,सुन्दर टिपण्णी करने और मेरे ब्लॉग का
ReplyDeleteफालोअर बनने के लिए हार्दिक आभार,रेवा जी.
मुझे आपके ब्लॉग का फालोअर बनते हुए
बहुत ही खुशी हो रही है.
Rakesh ji shukriya...
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