इतने दिनों के
लम्बे इंतज़ार
के बाद ,
बरसात की फुहार ने
धरती की प्यास बुझाई ,
बारिश की बूंदों के साथ
प्रकृति खिल उठी ,
हर ओर बस हरियाली
ही हरियाली छा गयी ,
ऐसा में
मेरा मन भी
हर बूंद के साथ
अंगड़ाई लेने लगा ,
ऐसा लगा मानो
इन बूंदों
और ठंडी हवाओं के साथ
कहीं से तुम आ गए
और मुझे हौले से
अपनी बाँहों मे
भर लिया हो ,
इस ख्याल से
मेरी सांसें रुक गयी
और मैं उस पल को
जीने के लिए
ज़िन्दगी जीने लगी ..........
रेवा
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 22/08/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteyashodaji shukriya.....to link
Deleteवाह......बहुत खूब.....दिली दाद हाज़िर है......
ReplyDeleteबांहों में तुम्हारा आना.....
ReplyDeleteकसमसाना....
और फिर....छिटक कर दूर भाग जाना....
अपनी दोनों हथेलियों से अपना मुंह छुपाना.....
फिर....
दोनों हथेलियों को बीच से खोलते हुए....
धीरे से झांकना....
शरमाई हुई....चमकती हुई आँखों से...झाँकती जिंदगी....
मुझे याद है वो पल.....
जब तुम्हारी आँखों में जिंदगी की चमक देखी थी....
sansac thank u so much for such nicee lines....i never thought u could write such lovely lines...
DeleteZinda rahne ke liye koyi wajah to zaroor chahiye....behad achhee rachana.
ReplyDeletekshamadi....v true...shukriya...apka rachna par mujhe hamesha intezar rehta hai
Deleteबारिश की बूंदें प्रेम का मधुर अहसास कराती है ..........बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteDr.Sandhyaji bahut bahut shukriya.....apne mere blog par ana shuru kiya...bahut khushi hui
Deleteबारिश और प्यार ... बहुत ही अच्छी रचना
ReplyDeleteRashimji bahut bahut shukriya apka
Deleteअपनी बाँहों मे
ReplyDeleteभर लिया हो ,
इस ख्याल से
मेरी सांसें रुक गयी
और मैं उस पल को
जीने के लिए
बहुत ही सुन्दर और दिल को छूने वाला अहसास कराया है दीदी अपने
जेसे कोई खुद इन बारिश की बूंदों से भीग रहा हो
thanx bhai
Deleteयकी़नन ...
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है
Sanjayji shukriya
Deleteसीधे सरल शब्दों में कितना भावपूर्ण चित्त्रण किया है तुमने ....... जिंदगी जीने के लिए तुमने एक बहुत सुन्दर सा कारण दे दिया ....... बहुत खूब .... लाजवाब
ReplyDeleteajay ji thanx
Deleteबहुत ही खूबसूरत
ReplyDeleteसादर
yashwantji shukriya
Deleteखूबसूरत खयाल ...
ReplyDeleteSangeetaji bahut bahut shukriya
Deleteबहुत खुबसूरत रचना..
ReplyDeleteप्यारी सी :-)
Reena ji dhanyavad
Deleteकोमल भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeletepratibhaji shukriya
Deleteप्यार के ख्याल से
ReplyDeleteमेरीआपकी सांसें रुक गयी
और
मैंआप उस पल को
जीने के लिए
ज़िन्दगी जीने लगी ?
बहुत खूब ! उत्तम अभिव्यक्ति :)
vibhaji dhanyavad
Deletebahut sunder rachna
ReplyDeleteAmrendraji shukriya
Deleteह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
ReplyDeleteसुन्दर...सुखद....
सस्नेह
अनु
Di........thanx a lotttt...was waiting for u
Deleteवाह .. बरसात की बूंदें और उनका ख्याल ... पानी में भी आग लग सकती है .. जीने को मन कर आता है ... लाजवाब ..
ReplyDeleteDigambar ji shukriya
Deleteबारिश की बूंदों
ReplyDeleteके संग
प्यार की फुहार ...
Anjuji shukriya
Delete