साँस तो रही नहीं
पर आस अभी भी बाकी है ,
शायद सुधर जाये हालात
ये विश्वाश अभी बाकी है ,
मानवता न हो दागदार
ये एहसास अभी बाकी है,
प्यार से भरा हो संसार
ये ख्वाइश अभी बाकी है /
रेवा
पर आस अभी भी बाकी है ,
शायद सुधर जाये हालात
ये विश्वाश अभी बाकी है ,
मानवता न हो दागदार
ये एहसास अभी बाकी है,
प्यार से भरा हो संसार
ये ख्वाइश अभी बाकी है /
रेवा
काश की ये ख्वाइश पूरी हो ...
ReplyDeleteबहुत सार्थक .. बहुत उतम रचना। :)
recent poem : मायने बदल गऐ
नयी उम्मीदों के साथ नववर्ष की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसरल सहज शब्दों में गहन अर्थों को समेटती एक खूबसूरत रचना....आभार !!
ReplyDeleteउम्मीद पर दुनिया कायम है .... !!
ReplyDeleteजब तक सांस तब तक आस बाकी है !!
शुभकामनायें !!
Aas saan se pahle khatm ho to behtar hota hai...shayad!
ReplyDeleteमेरी दुआ है ......... वही हो जो हम सब चाहते हैं
ReplyDeleteएक आस बची रहें ...वही बहुत है :)
ReplyDeleteहोंगी सभी ख्वाहिशें पूरी.....
ReplyDeleteपर सफल हो जाए मेहनत
ऐसा प्रयास अभी बाकी है...
सस्नेह
अनु
रेवा जी...बहुत सुन्दर संदेश देती कविता ! हृदयस्पर्शी भावाभिव्यक्ति !
ReplyDeleteकाश हर किसी की सोच ऐसी ही होती....
अब कोई गलत घटना ना हो..
ReplyDeleteप्यार से भरा संसार हो.
सुन्दर कामना .....
नव वर्ष की शुभकामनाएँ....
:-) :-) :-)
हर रोज़ मेरी ये ही दुआ है
ReplyDeleteहमारी ये ख्वाइश हो जाये पूरी
उतम उतम उतम , उतम
पंक्तिया दीदी
और और आपको बहुत बहुत सुभकामनाये की आपकी ये आरजू जल्दी पूरी हो जाये