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Wednesday, December 26, 2012

प्यार के गवाह

वैसे तो मैं
हर रात ही गाने सुनकर
सोती  हूँ ,
पर जाने कल क्या हुआ ?
तेरी यादों ने
इस कदर दस्तक दी की
नींद से कोसो दूर मैं
बस हर गाने की
किरदार को निभाने लगी,
और उनमे
तेरी कमी महसूस
करने लगी ,
इतनी ज्यादा की
वो कमी आँखों से
बहने लगी ,
न जाने क्यों ?
पर कल तेरी यादों ने
खूब रुलाया ,
पर ये आंसू
बहुत सुकून भी  दे
रहे थे ,
क्युकी ये हमारे
प्यार के गवाह
जो थे /


रेवा 

12 comments:

  1. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.

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  2. कोई मुस्कराहट भी तो गवाह होगी तुम्हारे प्यार की...कोई खिलखिलाहट भी तो बांटी होगी तुमने????
    उसे याद करो...
    सस्नेह
    अनु

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  3. छोटी , प्यार पास न हो तो ऐसा ही होता है ...........

    शुभकामनायें !!

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  4. वाह प्यार हो तो ऐसा...बहुत खूब

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  5. प्यार भरी सुन्दर रचना ।

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  6. रेवा जी..गहन प्रेम की गहन अभिव्यक्ति ।
    एक बेहद सशक्त रचना...

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  7. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

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  8. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  9. Wah! Naya saal bahut mubarak sabit ho!

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  10. सुंदर शब्दों में जज्बातों को आपने पिरोया है।
    आभार

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