मेरे सालों की
मेहनत रंग लायी
मेरे प्यार और
समर्पण ने
अब तुम्हे भी
प्यार करना
सिखा ही दिया
अब मेरी मौज़ को
किनारा ,
मेरे आँसुओं को
मंज़िल मिल गयी ,
मन तृप्त और संतुष्ट
हो गया ,
आखिर मेरे कान्हा ने
मेरी पुकार
मेरी गुहार सुन ली।
"जब लगा जीवन में
सबकुछ गयी हार ,
तो तूने लिया सम्भाल
भर दिया प्यार से मेरा संसार
कर दिया मुझे मालामाल "
रेवा
अब मेरी मौज़ को
किनारा ,
मेरे आँसुओं को
मंज़िल मिल गयी ,
मन तृप्त और संतुष्ट
हो गया ,
आखिर मेरे कान्हा ने
मेरी पुकार
मेरी गुहार सुन ली।
"जब लगा जीवन में
सबकुछ गयी हार ,
तो तूने लिया सम्भाल
भर दिया प्यार से मेरा संसार
कर दिया मुझे मालामाल "
रेवा
बहुत सुन्दर शब्द समायोजन -बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteनई पोस्ट मन्दिर या विकास ?
नई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
अद्धभुत उम्दा अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
shukriya aap sabka
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