मेरी कविताओं के प्रेरणा स्रोत तुम थे
कलम भी तुमने दिया था
कलम भी तुमने दिया था
उसमे रंग भी तुमने भरे थे ,
तुझसे मिली एहसासों को
काग़ज पर उतार
उन्हें शब्दों के मोतियों मे पिरोया करती थी
उनके साथ हँसा और रोया करती थी ........
पर अब जब तू नहीं साथ तो
तो सारे फीके हैं जज्बात
कहाँ से लाऊं शब्द कैसे लिखू
प्यार की बात ,
सुने है दिन ,सूनी हर रात
न हँसी है ,न पहले सी बात
ईट के मकान मे रहती है बस एक आदम ज़ात .........
रेवा
प्यार की बात ,
सुने है दिन ,सूनी हर रात
न हँसी है ,न पहले सी बात
ईट के मकान मे रहती है बस एक आदम ज़ात .........
रेवा
गहरी बात कह दी आपने। नज़र आती हुये पर भी यकीं नहीं आता।
ReplyDeleteसभी ही अच्छे शब्दों का चयन
ReplyDeleteऔर
अपनी सवेदनाओ को अच्छी अभिव्यक्ति दी है आपने.
बहुत आच्छे बिचार है आपके, कृपया लिखते रहिये...
ReplyDeleteकहाँ से लाउ शब्द कैसे लिखू
ReplyDeleteप्यार की बात ,
सुने है दिन ,सूनी हर रात
न हंसी है ,न पहले सी बात
ईट के मकान मे रहती है बस एक आदम ज़ात ........
Aah! Kitna dard umad pada hai! Behad khoobsoorat alfaaz!
sanjay ji......kshama di bahut bahut dhanyavd
ReplyDeleteरेवा जी नज़र उठा कर इधर उधर देखिये...बहुत प्रेरणा मिल जाएँगी... लिखती रहे..आपका लेखन प्रभावशाली है...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर कभी कभी....
bahut sundar
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