जैसे जैसे तुम्हारे जाने का
वक़्त नज़दीक आ रहा है ,
मन अजीब सा हो रहा है
पर इन कुछ दिनों मे
जो पल तुम्हारे साथ बिताये
उन्हें अपना सहारा बनाउंगी
जब तुम्हार कंधे की याद आयेगी तो
तकिये पर सर टिका लिया करुँगी ,
आंसुओं से नहीं
तुम्हारी यादों से
खुद को भिगोउंगी ,
इतनी कशिश
इतनी शिद्दत से
तुम्हे अपने पास महसूस करुँगी की
तुम भी मुझे
प्यार किये बिना
न रह पाओगे
चाहे दूर से ही सही ,
"अपने प्यार की चांदनी मे भिगोना है तुझे
इन दूरियों को इस बार भरपूर जीना है हमे"
रेवा