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Friday, September 20, 2013

तेरा प्यार मेरी आदत




तेरे बारे मे
सोचने बैठूं तो,
दिन कब शाम की
आगोश मे समां जाता है
पता ही नहीं चलता ,
कभी मुझे लगता है
तुम मुझसे
कितना प्यार करते हो,
ऐसे मेरी परवाह करते हो
जैसे चाँद अपनी चांदनी की
कभी लगता है
मुझे जरा भी नहीं मानते
ऐसे छोड़ दिया है मुझे
जैसे घर का पुराना सामान ,
इस ख्याल से ही
रोष और दुःख से भर उठती हूँ ,
पर अगले ही पल
ठंडी हवा के झोंके सी
तुम्हारी आवाज़ याद आ जाती है
और मैं तुम्हारी आवाज़
सुनने को आतुर हो उठती हूँ ,
कोशिश कर के भी
खुद को रोक नहीं पाती ,
खुद पहल कर के
तुझसे बात कर ही लेती हूँ ,
उफ़ ये तेरा प्यार
सच मे दीवाना बना दिया है मुझे

"तेरा प्यार मेरी आदत
और ये आदत
मेरी ज़िन्दगी बन गयी है "

रेवा

14 comments:

  1. "तेरा प्यार मेरी आदत
    और ये आदत
    मेरी ज़िन्दगी बन गई है
    मेरी कहानी तुम
    कैसे जान गई है ....
    आपकी हर बात दिल को छूती है
    हार्दिक शुभकामनायें

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लागर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - शनिवार हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल :007 (http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ )लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर ..

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  3. सुन्दर प्रस्तुति

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  4. बहुत सुन्दर प्रभावी रचना..
    बिलकुल अपनी सी लगती है...
    :-)

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  5. बहुत भावपूर्ण रचना...

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  6. tera pyaar meri aadat ..aur aadat meri jindagi ban gayi hai ..bahut hi sundar bhav

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  7. आदत जब जिंदगी बन जाए .... तो फिर धड़कनों में यूँ ही उतर जाती शब्‍द-दर-शब्‍द

    बहुत अच्‍छा लिखा है

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