दुःख परेशानी
वैसे तो सबको होती है
पर कभी कभी ये
इतना ज्यादा सर चढ़ कर
बोलती है की
लगता है दुनिया में
मुझसे ज्यादा दुखी
कोई नहीं ,
तब वो सारी
सकारात्मक सोच
रफ़ूचक्कर हो जाती है ,
वो सारी अच्छी बातें
जो हमने कभी पढ़ी थी
और सोचा था की
मुश्किल घड़ी मे याद
रखेंगे इन्हे
अचानक दिमाग से
गायब हो जातें हैं ,
और हम रह जातें हैं अकेले
खुद से और परेशानियों से
लड़ने के लिए ,
"सफर है कठिन
डगर है कठिन
पर ऐ ज़िन्दगी
मैं भी हूँ कठोर
पार कर ही लुंगी
इन रास्तों को
चाहे तू कितना
भी लगा ले ज़ोर "
रेवा
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कोमल मन की अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (20-05-2014) को "जिम्मेदारी निभाना होगा" (चर्चा मंच-1618) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
abhar Mayank ji
Deleteबेहतरीन रचना..
ReplyDeleteइरादा पक्का हो तो मुश्किलें भी आसान बन जाती है..
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरेया, धन्यबाद।
ReplyDeleteयही सकारात्मक सोच तो जीने की ताकत है...
ReplyDeleteसुन्दर रचना !!
सस्नेह
अनु
shukriya yashoda behen
ReplyDeleteहिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती ! बहुत सुंदर रचना !
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteलाज़वाब जज़्बात