अंतर (लघु कथा )
आज सुबह - सुबह फिर रमेश और रीना लड़ पड़े ....... काम को ले कर बात हो रही थी ,
रमेश ने कहा "तुम्हे अपना एक छोटा सा काम बोला था लैपटॉप पर सर्च कर के कर देना
पर तुमसे एक काम नहीं होता , करती क्या हो सारा दिन ?" बच्चे स्कूल चले जातें है ,
मैं ऑफिस....... बस पड़ी रहती हो सारे दिन सोफे पर टीवी के सामने ,
इतना सुनना था , रीना की आँखों से आंसू बहने लगे ,
सुबह ५ बजे से होता है उसका दिन शुरू और रात १० बजे ख़त्म …
गुस्से मे आज उसने सारे दिन का ब्यौरा बताया रमेश को,
और पूछा ''अब बोलो कब करूँ तुम्हारा काम ''!
तो रमेश ने मुँह बना कर टका सा जवाब दिया , " तुममे और इस काम वाली बाई मे कोई अंतर नहीं "
वो तो अनपढ़ है और तुम पढ़ी लिखी अनपढ़......................
रेवा टिबड़ेवाल
आज सुबह - सुबह फिर रमेश और रीना लड़ पड़े ....... काम को ले कर बात हो रही थी ,
रमेश ने कहा "तुम्हे अपना एक छोटा सा काम बोला था लैपटॉप पर सर्च कर के कर देना
पर तुमसे एक काम नहीं होता , करती क्या हो सारा दिन ?" बच्चे स्कूल चले जातें है ,
मैं ऑफिस....... बस पड़ी रहती हो सारे दिन सोफे पर टीवी के सामने ,
इतना सुनना था , रीना की आँखों से आंसू बहने लगे ,
सुबह ५ बजे से होता है उसका दिन शुरू और रात १० बजे ख़त्म …
गुस्से मे आज उसने सारे दिन का ब्यौरा बताया रमेश को,
और पूछा ''अब बोलो कब करूँ तुम्हारा काम ''!
तो रमेश ने मुँह बना कर टका सा जवाब दिया , " तुममे और इस काम वाली बाई मे कोई अंतर नहीं "
वो तो अनपढ़ है और तुम पढ़ी लिखी अनपढ़......................
रेवा टिबड़ेवाल
इस पढ़ी लिखी अनपड़ के बिना शायद घर चलाना किसी को भी मुमकिन नहीं ... घर तो घर वो बाहर भी आसानी से संभाल सकती है अब इन पढ़े लिखे पति नुमा अनपडों को कौन समझाए ...
ReplyDeleteSamajh le aur soch badal ley tho kya baat hai....par hota kahan hai aisa
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या रचना।
ReplyDeleteshukriya
Deleteजिस काम के पैसे मिले बह कार्य़ ही काम में क्यँू गिना जाता हैं..............
ReplyDeleteशायद हम निस्वार्य़ भाव से की गई सेवा दाम देने के काबिल नहीं हैं................
sach kaha savan kumar ji
Deleteबिना मोल के किये कए काम तो बहुमूल्य हैं.
ReplyDeleteनई पोस्ट : शब्दों की तलवार
shukriya rajeev ji
Deleteयथार्थ व्यक्त करती लघु कथा..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर.. .
shukriya reena
Deleteमैं आपके बलोग को बहुत पसंद करता है इसमें बहुत सारी जानकारियां है। मेरा भी कार्य कुछ इसी तरह का है और मैं Social work करता हूं। आप मेरी साईट को पढ़ने के लिए यहां पर Click करें-
ReplyDeleteHerbal remedies
Shukriya harekrishna ji
Deleteसटीक रचना
ReplyDeleteBeautifully expressed :)
ReplyDeleteयथार्थ की बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteShukriya madhu ji
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