काफी दिनों से श्याम यहाँ आ रहा था , आज आख़िर उसने अपने मन की बात बोल ही दी
"मुझसे शादी करेगी लता "??
बहुत ज्यादा तो नहीं कमाता पर इतना कमा लेता हूँ की हम दोनों का पेट भर सकूँ।
" लता को विश्वाश ही न हुआ अपने कानों पर, लेकिन वो कुछ कहती इससे पहले मालकिन आ गयी और बोली "ऐसा कैसा ले जायेगा मेरी लड़की को पूरे १०००० में ख़रीदा था पहले रोकड़ा धर मेरे हाथ में फिर सोचेगी "।
किसी तरह 2 महीने में श्याम ने पैसे जोड़े और लता को लेने आ गया।
पर जैसे ही मालकिन के हाथ में रुपया रखा उसने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया
"ये तो मूल है बाबू , सूद कहाँ है ? श्याम समझा नहीं
तो उसने फिर कहा "तू मेरी लड़की को ले जायेगा तो ये जो रोज़ कमाती है
उसका नुकसान नहीं होगा क्या मेरे को " ??
श्याम की समझ में न आया क्या बोले और रूपए कहाँ से लाये ??
इतने में वहां की एक और लड़की आयी और मालकिन के पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाने लगी
"एक अच्छा काम कर दो न मालकिन इसे जाने दो, आज पहली बार यहाँ से किसी वैश्या की डोली उठ रही है।
तेरे नुकसान की भरपाई मैं कर देगी " डबल काम करेगी
शयाम और लता की आँखें नम हो गयी।
रेवा टिबड़ेवाल
बहुत सुंदर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : जाते हुए वसंत का बौरायापन
नई पोस्ट : खुशियों की बात हो
Shukriya dilbag ji
ReplyDeleteReally true?
ReplyDeletemadan ji sawal tho hai ye......par aisa namumkin tho nahi pyar mey badi takat hoti hai
ReplyDeleteHaan Rewa ji bamushqil hi sahi..magar love has a power......kuch bhi kar sakta hai....umra naiN doulat nahiN ....dil se raahat hoti hai...bahut hi khoob
ReplyDeleteSach kaha harashji.....shukriya
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteshukriya onkar ji
ReplyDeleteक्या यह काहानी हैं, हाँ, कहानी ही होगी। कहानी ही इतनी मिठ्ठी हो सकती हैं................ सच तो हमेशा कड़वा ही होता हैं।
ReplyDeletesavan kumar ji sach hamesha kadva nahi hota.....kahani jarur hai par isay sach bhi banaya ja sakta hai
Deleteचंद कहानियाँ एक सो इक्कीस करोड़ लोगों का सच नहीं हो सकता ............. हमारे आस पास हजारों कहानियाँ बिख़री हैं सभी सच तो नहीं हैं........... लेकिन हमें कोशिश अवश्य करनी चाहिए, इन्हें सच करने की...................
ReplyDeleteji sahi kaha....koshish rehni chahiyee
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