तुम्हे क्या लगता है
मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता
आराम से रह लेती हूँ
तुम्हारे बिना ??
वहीँ घर के काम
खाना पीना और सोना ………
ये क्यों नहीं समझते की
जब तक सुबह तुम्हारे साथ
दो कौर खा न लूँ
मेरा मन भूखा रहता है ..........
शाम को जब तुम घर आते हो
तो खाली घर भर जाता है ,
तुम्हारी आवाज़ सुनकर
सन्तुष्टि सी महसुस होती है .......
बात तुम चाहे न करो
पर बगल मे तुम्हे सोया देख कर
मेरी नींद पूरी हो जाती है……
ऐसा महसुस होता है की
"तुम मेरी आदत और आदत
ज़िन्दगी बन गयी है अब "!!!!
रेवा
बहुत खूबसूरत एहसास ....
ReplyDeleteshukriya Mohan ji
Deleteऐसा महसुस होता है की
ReplyDelete"तुम मेरी आदत और आदत
ज़िन्दगी बन गयी है अब "!!!!
---सच है कौन कब किसकी जिंदगी बन जाता है पता नहीं ।
shukriya shiv raj ji
Deletehaan sach me ....tum meri adat ban gye ho ....bahut sundar rachna rewa ji
ReplyDeleteshukriya Upii di
Deleteमन कि भावनाओं को सुन्दर शब्दों से सजाया है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रेमाभिव्यक्ति
ReplyDeleteअत्यंत कोमल एवं मधुर अहसास !
ReplyDeleteऐसा महसुस होता है की
ReplyDelete"तुम मेरी आदत और आदत
ज़िन्दगी बन गयी है अब "!!!!
सुन्दर अभिव्यक्ति
रेवा जी....बेहद सुंदर मनोभाव प्रस्तुत किये हैं आपने।
ReplyDeletebahut sunder rachna ,,
ReplyDeletemere blog par swagat hai apka madhulika ji....shukriya
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-08-2015) को "आशाएँ विश्वास जगाती" {चर्चा अंक-2055} पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
aabhar mayank ji
Deleteसच्चे प्रेम का सच्चा चित्र....
ReplyDeleteye aadat or ye ahsaas jindgi k pahiye bn jate hain jane kb ... bt achchha likha
ReplyDeleteप्रेम की आदत भी जीने नहीं देती ...
ReplyDeleteप्रेम की गहरी अनुभूति ...
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteये प्यार कब आदत बन अधूरी ज़िन्दगी को पूरा बना देता है पता
ReplyDeleteनहीं चलता
sonali ji mere blog par swagat hai apka....shukriya
Delete