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Friday, February 21, 2020

इश्क़


तुम्हारे कांधे पर सर रख कर 
सुकून महसूस करना इश्क है 

नज़र भर तुम्हें देखना और बस 
देखते रह जाना इश्क है 

आईने में संवरना और तुम्हें याद कर 
मुस्कुराना इश्क है 

महज़ तुम्हारी आवाज़ सुन कर 
गुलाबी हो जाना इश्क है

सपनों में तुम्हारा दिदार करना 
और दिन भर उसी एहसास को जीना 
इश्क है 

तुम्हारे बिना तुम्हारे साथ रहना 
इश्क है 

किसने कह दिया इश्क देह है 
इश्क विदेह है 
सिर्फ और सिर्फ एहसास है 

#रेवा

11 comments:


  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(२२-०२-२०२०) को 'शिव शंभु' (चर्चा अंक-३६१९) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  2. बहुत खूब.... ,सादर नमन

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  3. आईने में संवरना और तुम्हें याद कर
    मुस्कुराना इश्क है

    वाह शानदार प्रस्तुति हूबहू मुलाकात  स्वागत है

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  4. बहुत सुंदर रचना

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  5. Do you know, here is an amazing article post on Pyar Kaise hota hai. Mujhe ummed h aapko ye bhut pasand aayega...

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