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Wednesday, September 26, 2012

प्यार की जीत

दिल और दिमाग में 
एक अजीब सी जंग 
चलती रहती है ,
दिमाग जो तुम्हे 
हमेशा गलत ठहराने 
की कोशिश करता रहता है ,
तुम्हारे प्यार और परवाह 
को मतलब से जोड़ता रहता है ,
पर ये दिल तुम्हे
हर इलज़ाम से बरी कर देता है ,
गर तुम्हारी कोई गलती भी हो 
तो उसे सही कर देता है ,
जंग चाहे कितनी भी हो 
कितनी ही दलीलें 
कितने भी अपवाद हों 
जीत तो आखिर 
हमारे प्यार की ही होनी हैं ..........


रेवा 



11 comments:

  1. उम्दा पंक्तियाँ ..
    भाषा सरल,सहज यह कविता,
    भावाव्यक्ति है अति सुन्दर।
    यह सच है सबके यौवन में,
    ऐसी कविता सबके अन्दर।

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  2. जीत तो आखिर
    हमारे प्यार की ही होनी हैं ________ Aameen

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  3. दिल से जुड़े लोग दिल से ही फैसला लेते हैं ...

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  4. दिल और दिमाग के बीच के द्वंद का सुन्दर चित्रण !!

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  5. दिमाग लगता कहाँ है जब दिल लग जाता है....
    :-)

    प्यारी पंक्तियाँ
    सस्नेह
    अनु

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  6. dil aur dimaag ki jang....behad khoobsurat rachna Rewa.....vasu

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  7. दिल और दिमाग की जंग हमेशा से ही रही है...और आगे भी रहेगी

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  8. बहुत सुन्दर ......जहाँ सच्चा प्यार है वहां जीत तो निश्चित ही है

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  9. दिल के आगे दिमाग की कोई हैसियत नहीं .... सुंदर अभिव्यक्ति

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  10. rewa ...dil se dil tak ..bahut bahut khub

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