दिल और दिमाग में
एक अजीब सी जंग
चलती रहती है ,
दिमाग जो तुम्हे
हमेशा गलत ठहराने
की कोशिश करता रहता है ,
तुम्हारे प्यार और परवाह
को मतलब से जोड़ता रहता है ,
पर ये दिल तुम्हे
हर इलज़ाम से बरी कर देता है ,
गर तुम्हारी कोई गलती भी हो
तो उसे सही कर देता है ,
जंग चाहे कितनी भी हो
कितनी ही दलीलें
कितने भी अपवाद हों
जीत तो आखिर
हमारे प्यार की ही होनी हैं ..........
रेवा
एक अजीब सी जंग
चलती रहती है ,
दिमाग जो तुम्हे
हमेशा गलत ठहराने
की कोशिश करता रहता है ,
तुम्हारे प्यार और परवाह
को मतलब से जोड़ता रहता है ,
पर ये दिल तुम्हे
हर इलज़ाम से बरी कर देता है ,
गर तुम्हारी कोई गलती भी हो
तो उसे सही कर देता है ,
जंग चाहे कितनी भी हो
कितनी ही दलीलें
कितने भी अपवाद हों
जीत तो आखिर
हमारे प्यार की ही होनी हैं ..........
रेवा
उम्दा पंक्तियाँ ..
ReplyDeleteभाषा सरल,सहज यह कविता,
भावाव्यक्ति है अति सुन्दर।
यह सच है सबके यौवन में,
ऐसी कविता सबके अन्दर।
जीत तो आखिर
ReplyDeleteहमारे प्यार की ही होनी हैं ________ Aameen
दिल से जुड़े लोग दिल से ही फैसला लेते हैं ...
ReplyDeleteदिल और दिमाग के बीच के द्वंद का सुन्दर चित्रण !!
ReplyDeleteदिमाग लगता कहाँ है जब दिल लग जाता है....
ReplyDelete:-)
प्यारी पंक्तियाँ
सस्नेह
अनु
dil aur dimaag ki jang....behad khoobsurat rachna Rewa.....vasu
ReplyDeleteदिल और दिमाग की जंग हमेशा से ही रही है...और आगे भी रहेगी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ......जहाँ सच्चा प्यार है वहां जीत तो निश्चित ही है
ReplyDeleteदिल के आगे दिमाग की कोई हैसियत नहीं .... सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteaap sabka bahut bahut shukriya
ReplyDeleterewa ...dil se dil tak ..bahut bahut khub
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