क्या लिखूँ आज ?
मौसम का हाल या
प्यार का बुखार ,
दोस्ती का खुमार या
रिश्तों की गुहार ,
ज़िन्दगी के ताने बाने या
अनकही जज्बातें ,
या तेरी मेरी मुलाकातें
आज शायद कुछ नहीं क्युकी ,
जितनी भी कोशिश कर लो
रह ही जातें हैं
अपने कुछ अधलिखे ख्याल
जो चाह कर भी इन पन्नों पर
शब्द बन कर संवर नहीं पाते
और दे देते हैं एक अतृप्ति का भाव /
रेवा
मौसम का हाल या
प्यार का बुखार ,
दोस्ती का खुमार या
रिश्तों की गुहार ,
ज़िन्दगी के ताने बाने या
अनकही जज्बातें ,
या तेरी मेरी मुलाकातें
आज शायद कुछ नहीं क्युकी ,
जितनी भी कोशिश कर लो
रह ही जातें हैं
अपने कुछ अधलिखे ख्याल
जो चाह कर भी इन पन्नों पर
शब्द बन कर संवर नहीं पाते
और दे देते हैं एक अतृप्ति का भाव /
रेवा