गजब है ये कविता का संसार भी
रुलाता है , हँसाता है
अनेक तरह की
अनुभूतियाँ कराता है ,
अनुभूतियाँ कराता है ,
कभी पढ़ कर लगता है
ये पंक्तियाँ मेरे लिए ही
लिखी गयी है ,
लिखी गयी है ,
कभी लगता है काश
ऐसा हम भी लिख पाते ,
कभी कभी तो
भाव इतने गहरे होते हैं की
भाव इतने गहरे होते हैं की
मन कुछ देर
वहीँ गोता लगाता रहता है ,
और कभी
सच मे आंसू बहने लगते हैं ,
पर जैसा भी है
बहुत प्यारा है ये संसार।
रेवा
शब्दों का अजीब मायाजाल
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteसच कहा आपने कभी-कभी तो यूँ लगता भी है यह तो मेरे लिए ही लिखा है .......बहुत सुन्दर
ReplyDeleteगजब है ये कविता का संसार और अजब भी - अति सुंदर
ReplyDeleterewa yah laikhni ka sansaar sundar hai sachha hai bhavo ka jajbatao ka kahyalo ka sapno ka lafzo ka ...mujhe bahut pyara laga aapka bhi yah sansaar
ReplyDeleteखूबसूरत भावमयी अभिव्यक्ति
ReplyDeleteGod Bless U
कविता की आंतरिक अभिव्यक्ति का सार यही है
ReplyDeleteमन का द्रवित होना या मंद मंद मुस्कराना
बहुत सुंदर रचना बधाई
sahi kahaa aapne
ReplyDeleteसच कहा रेवा...
ReplyDeleteमन रम जाता है इस संसार में....
सस्नेह
अनु
कविता पर बहुत सुन्दर कविता पढ़कर बहुत अच्छा लगा ..
ReplyDeleteसच में कविता का संसार है ही सब से अलग...बहुत सुन्दर..
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