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Sunday, May 12, 2013

क्युकी आज तो है मदर्स डे

शायद आपको गलत लगे जो मैंने लिखा है ....कडवा भी लगे ,पर आज बहुत से माता पिता
का सच है ये /


आज तो माँ का दिन है
जिसे कहते हैं मदर्स डे  ,
आज तो कर ले सम्मान
कल चाहे फिर तू कर अपमान ,
आज कर ले उसकी इज्जत
चाहे कल फिर करना बेईज्ज़त ,
आज तो रख ले घर पर उसे
चाहे कल फिर कर देना बेघर ,
आज तो उसे दे कुछ उपहार
चाहे कल करना उपहास ,
आज तो उसके दूध की लाज रख ले
क्युकी आज तो है मदर्स डे ............

रेवा


12 comments:

  1. कड़ुवा सच कहती रचना .... और चित्र भी

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  2. मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ

    आज के वक्त में बहुत से ऐसे पढ़े लिखे बच्चे हैजो अपने ही आस-पास देखने को मिलते है जो अपने साथ माँ-बाप को रखने में शर्म महसूस करते हैं

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  3. जि़क्र तेरा आया ,आँखें मेरी भर आई
    माँ तुम बहुत याद आई..
    जब भी जीवन की कश्ती डगमगाई
    माँ तुम बहुत याद आई....
    main to apani ma ke liye kuchh nahi kar paai
    chahti hoon agale jnm men ek baar phir unki hi beti banu aur mujhe ye janm yaad rahe taki unhe bataa sakun ki unhone jo mere liye aasaani se kiya wahi muje karane men kitani mehanat karani padati hai aur unka shukriya kar sakun ........

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  4. माँ को कोई कर्ज नहीं उतर सकता,बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.

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  5. सच!!!!
    माँ के प्रति स्नेह किसी एक दिन का मोहताज तो नहीं......

    बहुत अच्छी बात कही तुमने रेवा,सच्ची बात अक्सर कठोर और कड़वी होती ही हैं.

    सस्नेह
    अनु

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  6. बहुत सही बात की आपने ..

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  7. सच है कडवा , बहुत कडवा

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  8. आज का कटु सत्य...

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  9. सच सदा कड़वा होता है पर स्वीकार करने पर ही उसका समाधान ढूँढा जा सकता है. मार्मिक प्रस्तुति.

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  10. आपने माँ के भोग रहे सच और माँ के भीतर गुजर रही पीड़ा
    को उजागर किया है
    सार्थक और सच्ची रचना
    साधुवाद

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