सच मे वह पागल थी
प्यार के लिए पागल ,
सबसे अलग सांवली सी थी
साधारण रंग रूप
साधारण सपने ,
सबसे बड़े प्यार से मिलती
हर किसी को अपना बना लेती ,
कोई अगर प्यार के दो बोल
बोल दे तो बस
उसके सारे काम
ख़ुशी ख़ुशी कर देती थी ,
पर उस पगली को ये कहाँ पता था
कि उसे कभी प्यार हो जायेगा ,
पागल तो पहले ही थी
अब दीवानी भी हो गयी थी ,
दिलो जान से चाहा अपने प्यार को
बहुत भरोसा किया ,
पर टूट गया भरोसा
प्यार टूटता तो बात अलग थी ,
बिखर गयी
पर टूटी नहीं ,
जीना फिर शुरू किया
ज़िन्दगी तो आज भी जीती है वो
पर सच्चे प्यार को
आज भी तरसती है वो पगली ......
रेवा
प्यार के लिए पागल ,
सबसे अलग सांवली सी थी
साधारण रंग रूप
साधारण सपने ,
सबसे बड़े प्यार से मिलती
हर किसी को अपना बना लेती ,
कोई अगर प्यार के दो बोल
बोल दे तो बस
उसके सारे काम
ख़ुशी ख़ुशी कर देती थी ,
पर उस पगली को ये कहाँ पता था
कि उसे कभी प्यार हो जायेगा ,
पागल तो पहले ही थी
अब दीवानी भी हो गयी थी ,
दिलो जान से चाहा अपने प्यार को
बहुत भरोसा किया ,
पर टूट गया भरोसा
प्यार टूटता तो बात अलग थी ,
बिखर गयी
पर टूटी नहीं ,
जीना फिर शुरू किया
ज़िन्दगी तो आज भी जीती है वो
पर सच्चे प्यार को
आज भी तरसती है वो पगली ......
रेवा
Bhavabhivyakti ati sundar hai.
ReplyDeletevinnie
बहुत ही सुन्दार भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteरुलाने का इरादा हो तो पहले से बता दिया करो .....
ReplyDeletenahi didi bilkul nahi
Deleteभाव प्रधान मर्म स्पर्शी रचना हेतु बधाई
ReplyDeleteSanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in
अनुपम भाव संयोजन .... मन को छूते भाव
ReplyDeletepagal ladki ka pagal sa pyar.. bahut behtareen...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमयी रचना...
ReplyDeleteभाव पूर्ण रचना
ReplyDeleteजो पागल होते हैं वही तो प्यार करते है
ReplyDeleteमार्मिक और भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteमन को भेदती हुई
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह है पढ़ें "बूंद-"
http://jyoti-khare.blogspot.in