ज़माना ही बेवफ़ा है
तुमने बेवफ़ाई की तो
क्या बात है ,
दर्द तो ऐसे भी था सीने मे
तुमने दर्द दिया
तो क्या बात है ,
उपर से तो सभी छलनी करते हैं
तुमने दिल मे रह कर छला
तो क्या बात है ,
आंखें तो यूँ भी भर आती थी
तुमने उन्हें रोने का बहाना दे दिया
तो क्या बात है ,
तपती धुप मे बारिश सा एहसास देने वाले ने
बारिश के साथ रोना सिखा दिया
तो क्या बात है ,
तुम पर इन सारे इल्ज़ामो के बावजूद
मुझे तुमसे बेइन्तेहा प्यार है
तो क्या बात है /
रेवा
तुमने बेवफ़ाई की तो
क्या बात है ,
दर्द तो ऐसे भी था सीने मे
तुमने दर्द दिया
तो क्या बात है ,
उपर से तो सभी छलनी करते हैं
तुमने दिल मे रह कर छला
तो क्या बात है ,
आंखें तो यूँ भी भर आती थी
तुमने उन्हें रोने का बहाना दे दिया
तो क्या बात है ,
तपती धुप मे बारिश सा एहसास देने वाले ने
बारिश के साथ रोना सिखा दिया
तो क्या बात है ,
तुम पर इन सारे इल्ज़ामो के बावजूद
मुझे तुमसे बेइन्तेहा प्यार है
तो क्या बात है /
रेवा
क्या बात है
ReplyDeleteक्या बात है
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति
God Bless U
bahut achee rachnaa hai
ReplyDeleteप्यार के इज़हार का एक अनूठा इज़हार, जहाँ माँग नहीँ- अपेक्षा नहीँ- चाहत भी नहीँ. सिर्फ समर्पँ- हर हाल- हर परिस्थिति मेँ. वाह क्या खूबसूरत अन्दाज़ है रेवा जी. दिल से मुबारक़बाद.
ReplyDelete- डा. रघुनाथ मिश्र
अधिवक्ता/ लेखक/ कवि/ शायर्
बेहतरीन अभिव्यक्ति .....
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसच में क्या बात है ...:))
ReplyDeleteवाह....
ReplyDeleteक्या बात है....
दिल का हाल लिख डाला...
सस्नेह
अनु
ऐसा प्यार तो बड़ा खतरनाक है. बहुत अच्छा लिखा, बधाई.
ReplyDeleteखूब..
ReplyDeleteअपने दिल में जो है ... उसपे तो बस नहीं होता ...
ReplyDeleteप्यार होता है तो होता है ...
प्यार बस प्यार देखता है कौन क्या सोचता है क्या करता है यह नहीं देखता ...बहुत बढ़िया
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