आज तुमसे बात कर के
दिल थम गया
उस लम्हे मे
लगा साँसें रुक गयी हो ,
और तब
ये आँखें भी अजीब हो जाती हैं
लगता ही नहीं की मेरी आँखें हैं
ये तुम्हारे प्यार से सरोबार हो कर
बरसने लगती हैं ,
समझ ही नहीं आता की
इन्हे क्या हो जाता है ?
इतनी प्यार भरी बातें
ना किया करो तुम ,
इन आँखों को और मुझे
बेगाना ना किया करो तुम /
रेवा
दिल थम गया
उस लम्हे मे
लगा साँसें रुक गयी हो ,
और तब
ये आँखें भी अजीब हो जाती हैं
लगता ही नहीं की मेरी आँखें हैं
ये तुम्हारे प्यार से सरोबार हो कर
बरसने लगती हैं ,
समझ ही नहीं आता की
इन्हे क्या हो जाता है ?
इतनी प्यार भरी बातें
ना किया करो तुम ,
इन आँखों को और मुझे
बेगाना ना किया करो तुम /
रेवा
Beautiful.
ReplyDeleteBAHUT HI SUNDAR PRSTUTI,ABHAR.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
ReplyDeleteबहुत ही ख़ूबसूरत जज़्बात
ReplyDeletepyare prem se bhari abhivyakti ... sundar!
ReplyDeleteWell said.
ReplyDeleteVinnie
जब
ReplyDeleteदिल ही अपना नहीं रहा
तो
आँखों के पराये होने का
क्या गम .....
एक अच्छी गुजारिश
बहुत सुन्दर भाव लिए हुए रचना है ये .......
ReplyDeleteसुन्दर शब्द चयन और भाव |
ReplyDeleteआशा
बहुत सुन्दर. सुन्दर भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रेमभाव लिए अभिव्यक्ति !
ReplyDeletelatest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
latest दिल के टुकड़े
bahut bahut shukriya ravikar ji
ReplyDeletebeautiful lines ,
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना....
ReplyDeleteप्यार की पराकाष्ठा.सुन्दर-सहज-सहज ग्राह्य. साधुवाद.
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