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Tuesday, July 23, 2013

बेगानी आंखें

आज तुमसे बात कर के
दिल थम गया
उस लम्हे मे
लगा साँसें रुक गयी हो ,
और तब
ये आँखें भी अजीब हो जाती हैं
लगता ही नहीं की मेरी आँखें हैं
ये तुम्हारे प्यार से सरोबार हो कर
बरसने लगती हैं ,
समझ ही नहीं आता की
इन्हे क्या हो जाता है ?
इतनी प्यार भरी बातें
ना किया करो तुम ,
इन आँखों को और मुझे
बेगाना ना किया करो तुम /

रेवा





15 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..

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  2. बहुत ही ख़ूबसूरत जज़्बात

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  3. जब
    दिल ही अपना नहीं रहा
    तो
    आँखों के पराये होने का
    क्या गम .....
    एक अच्छी गुजारिश

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  4. बहुत सुन्दर भाव लिए हुए रचना है ये .......

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  5. सुन्दर शब्द चयन और भाव |
    आशा

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  6. बहुत सुन्दर. सुन्दर भावपूर्ण रचना

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  7. बहुत सुन्दर प्रेमभाव लिए अभिव्यक्ति !
    latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
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  8. बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना....

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  9. प्यार की पराकाष्ठा.सुन्दर-सहज-सहज ग्राह्य. साधुवाद.

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